Supreme Court ने सुनाया फैसला, परिवार का ये सदस्य बिना किसी की सहमती से बेच सकता है पूरी प्रोपर्टी
Yojana Newz, New Delhi, supreme court decision : सुप्रीम कोर्ट ने इस समय गैर-विभाजित हिंदू परिवार या जॉइंट फैमिली की प्रॉपर्टी को लेकर हाल ही में एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर उस परिवार का ‘कर्ता’ चाहे तो वह जॉइंट प्रॉपर्टी (Joint Property) को कभी भी किसी भी समय बेच या गिरवी रख सकता है। इन सब के लिए उसे परिवारिक सदस्यों की अनुमति लेनी जरूरी नहीं है। अगर कोई इसमें हिस्सेदार नाबालिग है तो भी कर्चा बिना किसी की इजाजत के प्रोपर्टी से जुड़े फैसले ले सकता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कर्ता कौन है, जिसको कोर्ट ने हिंदू अन-डिवाइडेड फैमिली (Undivided Family) से जुड़े मामलों में इतने अधिकार मिले हुए हैं। आपको जानकारी दे दें कि, गैर-विभाजित हिंदू परिवार में ये अधिकार उसको जन्म से दिया जाता है.
जो परिवार का मुखिया होता है उसे कर्ता कहा जाता है. अगर किसी कारणवश उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसके बाद जो भी घर में सबसे बड़ा होता है, वह अपने आप कर्ता का अधिकार पा लेता है। लेकिन, कुछ मामलों में इसे विल (वसीयत) के द्वारा भी प्रमाणित किया जाता है।
कर्ता के होते हैं ये अधिकार -
हमने आपको जानकारी दी है कि कई मामलों में ये जन्म सिद्ध अधिकार नहीं रहता है। ऐसा उस स्थिति में होता है जिस समय मौजूदा कर्ता अपने बाद किसी और को खुद से ही कर्ता के लिए नॉमिनेट (Nominate) करता है. वह अपने विल पावर से ऐसा कर सकता है. इसके साथ ही परिवार अगर चाहे तो वह सर्वसम्मति (consensus) से किसी एक को घर का कर्ता घोषित कर सकता है.
ये था मामला -
जानकारी के लिए आपको बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ऐसे एक मामले में 31 जुलाई 2023 को फैसला सुना चुका है। जो मामला साल 1996 का था। जिसमें याचिकाकर्ता ने बताया था कि उसके पिता ने एक संपत्ति को गिरवी रख दिया था, जो संपत्ति ज्वाइंट फैमिली की थी।
लेकिन याचिकाकर्ता ने जानकारी दी कि उसके पिता ही परिवार के कर्ता थे। मद्रास हाईकोर्ट (Madras High court) ने इस मामले में यह फैसला दिया था कि कर्ता प्रॉपर्टी को लेकर कोई भी फैसला ले सकता है और इसके लिए वह किसी से पूछने की लिए बाध्य नहीं है।
गैर कानूनी में हो सकता है दावा -
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसे में कर्ता द्वारा किसी प्रॉपर्टी गिरवी (Property Mortgage) रखे जाने का मामला कोपर्सिनर (समान उत्तराधिकारी/हमवारिस) उसी समय दावा कर सकता है जब उसमें कुछ गैर-कानूनी हो रहा हो.