Property Sale Rights : अब पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए इस शख्स की अनुमति है जरूरी, ये है कानून
Yojana Newz, New Delhi, Property Sale Rights : अकसर लोगों को जब प्रोपर्टी से जुड़े कानुनों के बारे में जानकारी नहीं होती है, तो आने वाले समय में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज हम आपके ये विवाद कम करने के कानुन बताने वाले हैं। अगर आप ये कानुन जान लेंगे तो आपको परेशानी नहीं होने वाली है। अकसर लोग पैतृक संपत्ति के बेचने पर काफी विवाद करते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में -
पुर्वजों से मिली संपत्ति होती है पैतृक संपत्ति -
यहां आपको सबसे पहले जानना है कि आखिर पैतृक संपत्ति क्या होती है? अगर हम देखें तो जमीन के सामान्य वर्गीकरण में इसको दो तरह से से जमीन को अर्जित किया जाता है. पहली संपत्ति वह होती है जो व्यक्ति खुद से खरीदता है या फिर उपहार, दान या किसी के द्वारा हक त्यागने (अपने हिस्से की जमीन को ना लेना) से जमीन लेता है उस संपत्ति को स्वअर्जित संपत्ति भी कहा जाता है.
दूसरे में अगर हम देखें तो जो संपत्ति हमारे पिता के पुर्वजों से मिली है उसे पुस्तैनी संपत्ति या फिर पैतृक संपत्ति कहा जाता है। आपको बता दें कि पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए जो कानुन है वो काफी कड़े हैं।
सभी सदस्यों की सहमती है जरूरी -
पैतृक संपत्ति को लेकर आपको बता दें कि चार पीढ़ियों तक संपत्ति पर दावा किया जाता है। जिसमें इस संपत्ति को बेचने का अधिकार केवल एक व्यक्ति के पास नहीं होता है। इसके लिए सभी मालिकों की मंजूरी आवश्यक होती है।
पैतृक संपत्ति को बेचने के लिए अब बेटियों को भी शामिल किया गया है। इसमें सभी पक्षों की सहमति जरूरी होती है। आप सभी की सहमति के साथ कानुनी प्रक्रिया से संपत्ति को बेच सकते हैं।
धोखाधड़ी से बचने का ये कानुन -
अगर पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) को बिना किसी की अनुमति के बेचा जाता है तो उसको आप कानूनी नोटिस भेज सकते हैं। इस पर कोर्ट उसे स्टे दे सकती है या फिर उस संपत्ति की बिक्री रद्द कर सकती है।